मदारी-बंदर का खेल
डम... डम... डम... डम... डम... डम...
मदारी: जमूरे
जमूरा: हां, उस्ताद
मदारी: लोगों को हंसाएगा
जमूरा: हंसाएगा, उस्ताद
मदारी: मनोरंजन करेगा
जमूरा: करेगा, उस्ताद
मदारी: बता, धनतेरस के बाद कौन सा त्योहार आता है
जमूरा: दीपावली, उस्ताद
मदारी: दीपावली में क्या होता है
जमूरा: खुशी मनाते हैं, उस्ताद
मदारी: खुशी किसके साथ मनाते हैं
जमूरा: घरवालों के साथ, उस्ताद
डम... डम... डम... डम... डम...
मदारी: जमूरे, तो इस बार घर जाएगा
जमूरा: नहीं, उस्ताद
मदारी: क्यों, खुशी नहीं मनाएगा
जमूरा: नहीं, उस्ताद
मदारी: घर नहीं जाएगा
जमूरा: नहीं उस्ताद
मदारी: उदास है क्या
जमूरा: हां, उस्ताद
मदारी: क्यों जमूरे
जमूरा: छुट्टी नहीं मिली, उस्ताद
मदारी: छुट्टी क्यों नहीं मिली
जमूरा: सेटिंग नहीं थी, उस्ताद
मदारी: नौकरी करता था, सेटिंग क्यों नहीं बन पाई
जमूरा: काम करता था, उस्ताद
मदारी: काम तो सब करते थे
जमूरा: मैं अडवांस नहीं था, उस्ताद
मदारी: जमूरे...उदास है
जमूरा: हां, उस्ताद
मदारी: मेरे साथ दीवाली मनाएगा
जमूरा: नहीं, उस्ताद
मदारी: फिर क्या करेगा
जमूरा: अपने को कोसूंगा, उस्ताद
मदारी: क्यों कोसेगा
जमूरा: नौकरी, न करी, उस्ताद
मदारी: क्यों न करी
जमूरा: छुट्टी कैंसल हो गई, घर नहीं जा सकता,
अब आम आदमी अपना धार्मिक पर्व नहीं मना सकता
मदारी: तो क्या मानंे, अंग्रेजों का शासन आ गया
जमूरा: हां, उस्ताद
मदारी: फिर आजादी कैसी... सोच में पड़ गया मदारी
जमूरा: सोचो मत, उस्ताद
ये रोने का समय है, देखो, आम आदमी आज भी खुशियों से कितनी दूर है।
इस दीवाली न जाने कितने तनहाई में रहेंगे
दुनिया तो जगमग होगी, दिल में अंधेरे रहेंगे
होंगे दूर न जाने कितने परिवार से
तकिया लेकर सुबकेंगे तो कई टल्ली भी रहेंगे।।
दीपावली की सभी को शुभकामनाएं:ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
बहुत सुन्दर! दीपावली की हार्दिक शुभकामना!
ReplyDeleteJiyo mere lal. sif ek baat likhna shyad tum bhul gaye ho..
ReplyDeletemadari : Kaun si naukri karte ho
Jamura : Hujoor patrakarita me hoon