Wednesday, November 3, 2010

दीपावली विशेष:ःःः

मदारी-बंदर का खेल

डम... डम... डम... डम... डम... डम...

मदारी: जमूरे

जमूरा: हां, उस्ताद

मदारी: लोगों को हंसाएगा

जमूरा: हंसाएगा, उस्ताद

मदारी: मनोरंजन करेगा

जमूरा: करेगा, उस्ताद

मदारी: बता, धनतेरस के बाद कौन सा त्योहार आता है

जमूरा: दीपावली, उस्ताद

मदारी: दीपावली में क्या होता है

जमूरा: खुशी मनाते हैं, उस्ताद

मदारी: खुशी किसके साथ मनाते हैं

जमूरा: घरवालों के साथ, उस्ताद

डम... डम... डम... डम... डम...

मदारी: जमूरे, तो इस बार घर जाएगा

जमूरा: नहीं, उस्ताद

मदारी: क्यों, खुशी नहीं मनाएगा

जमूरा: नहीं, उस्ताद

मदारी: घर नहीं जाएगा

जमूरा: नहीं उस्ताद

मदारी: उदास है क्या

जमूरा: हां, उस्ताद

मदारी: क्यों जमूरे

जमूरा: छुट्टी नहीं मिली, उस्ताद

मदारी: छुट्टी क्यों नहीं मिली

जमूरा: सेटिंग नहीं थी, उस्ताद

मदारी: नौकरी करता था, सेटिंग क्यों नहीं बन पाई

जमूरा: काम करता था, उस्ताद

मदारी: काम तो सब करते थे

जमूरा: मैं अडवांस नहीं था, उस्ताद

मदारी: जमूरे...उदास है

जमूरा: हां, उस्ताद

मदारी: मेरे साथ दीवाली मनाएगा

जमूरा: नहीं, उस्ताद

मदारी: फिर क्या करेगा

जमूरा: अपने को कोसूंगा, उस्ताद

मदारी: क्यों कोसेगा

जमूरा: नौकरी, न करी, उस्ताद

मदारी: क्यों न करी

जमूरा: छुट्टी कैंसल हो गई, घर नहीं जा सकता,
अब आम आदमी अपना धार्मिक पर्व नहीं मना सकता

मदारी: तो क्या मानंे, अंग्रेजों का शासन आ गया

जमूरा: हां, उस्ताद

मदारी: फिर आजादी कैसी... सोच में पड़ गया मदारी

जमूरा: सोचो मत, उस्ताद

ये रोने का समय है, देखो, आम आदमी आज भी खुशियों से कितनी दूर है।



इस दीवाली न जाने कितने तनहाई में रहेंगे
दुनिया तो जगमग होगी, दिल में अंधेरे रहेंगे
होंगे दूर न जाने कितने परिवार से
तकिया लेकर सुबकेंगे तो कई टल्ली भी रहेंगे।।


दीपावली की सभी को शुभकामनाएं:ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर! दीपावली की हार्दिक शुभकामना!

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  2. Jiyo mere lal. sif ek baat likhna shyad tum bhul gaye ho..
    madari : Kaun si naukri karte ho
    Jamura : Hujoor patrakarita me hoon

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